बिहार का बेटा, कोरिया में! पटना से 서울 तक का सफर, जदयू सांसद संजय झा से मुलाकात
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एक अप्रत्याशित मुलाकात हुई। कोरिया में रह रहे एक भारतीय, येचान, जो कि पटना, बिहार के हैं, ने जदयू सांसद संजय झा से मुलाकात की। येचान, जिन्हें 'चार्ली' के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के पटना में अपना बचपन बिता चुके हैं। उनकी कहानी एक प्रेरणा है, जो दर्शाती है कि प्रतिभा और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकता है।
येचान की कहानी अद्वितीय है। उन्होंने बिहार के पटना में अपना बचपन बिताया, जहाँ उन्होंने हिंदी भाषा को धाराप्रवाह सीखा, जिसमें एक विशिष्ट भोजपुरी लहजा है। यह एक ऐसा कौशल है जो उन्हें कोरिया में भी काम आता है, जहाँ वे भारतीय संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सांसद संजय झा, जो दक्षिण कोरिया के एक राजनयिक दौरे पर थे, उन्होंने येचान से मिलकर उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने येचान के प्रयासों की सराहना की और उन्हें भारत-कोरिया संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। इस मुलाकात ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को और भी मजबूत किया।
येचान की कहानी हमें सिखाती है कि जड़ें मजबूत रखने और अपनी संस्कृति को संजोकर रखने से हम कहीं भी सफल हो सकते हैं। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे एक बिहारी लड़का कोरिया में अपनी पहचान बना रहा है और भारत का नाम रोशन कर रहा है। येचान की सफलता की कहानी बिहार और पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है।
सियोल में हुई यह मुलाकात भारत और कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक है। दोनों देश व्यापार, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। येचान जैसे लोग इन संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सांसद झा ने कहा कि येचान जैसे लोगों की सफलता भारत और कोरिया के बीच दोस्ती को और भी मजबूत करेगी। उन्होंने येचान को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उनसे भारत के विकास में योगदान करने का आग्रह किया। येचान ने भी सांसद झा के प्रति आभार व्यक्त किया और भारत-कोरिया संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।